कर्ण पिशाचनी साधना जो भूत भविष्य ओऱ वर्तमान का ज्ञान देती है

दोस्तों आज मैं जो साधना बता रहा हूं वो एक यक्षिणी साधना है जी जाप करने पे अपने साधक को भूत भविष्य और वर्तमान का ज्ञान देती है
ये साधना अति प्रभाव शाली साधना है जो शिव भगवान की कृपा के बिना फलीभूत नही होती । अतः इस साधना को करने से पहले भगवान शिव की भी साधना करें या जब ये साधना करें तो शिव जी पे जल जरूर चढ़ाते रहे
साधना मंगलवार से शुरू करें
मुख उत्तर दिशा की ओर करें
पीला या लाल आसन बिछाएं देशी घी का दीपक व अगरबत्ती भी जलायें और गुलाब के फूल दीपक के पास पास रखे  ।मीठे में खोए से बनी मीठाई रखें
रोज़ रात को 9 से 12 के बीच 5 माला का जाप करें
सबसे पहले
ॐ नमः शिवाय का जाप 51 या 108 बार करें
उसके बाद
कर्ण पिशाचनी पिंगल लोचने स्वाहा का 5 माल जाप रोज़ करें
साधना करते समय एक कपूर जला कर उस पे काले तिल की पांच आहुति भी दें

कुछ दिनों में ही आपको सपनो में देवी के आने की सूचना मिलेगी और एक शांति मन मे आने लगेगी
जाप के 21 दिन बाद आप कोई भी सवाल पूजा के बाद देवी से पूछें ऒर प्रार्थना कर के सोये तो देवी रात्री में आपके सवाल का जवाब देगी ।सवाल कुछ भी हो सकता है काम व्यवसाय प्यार ,जुआ या सट्टा नम्बर आदि
मंत्र का गलत इस्तेमाल न करें वरना आप को नुकसान भी हो सकता है
धन्यवाद

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